डोलची
नन्हे सितारों का संग्रह
Tuesday, October 9, 2012
चुटकलों की थैली में
मेरी ये नज़्म भी डाल दीजे
हमदर्द भी आजकल
सिर्फ कहकहों पर ही दाद देते हैं
1 comment:
Arvind Mishra
October 11, 2012 at 8:23 PM
ऐसे लोगों के सामने नज़्म कहनी ही क्यों ?
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ऐसे लोगों के सामने नज़्म कहनी ही क्यों ?
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