Sunday, July 17, 2011

बिदाई

बड़े-बड़े जाँबाज़ों को
बच्चों सा बिलखते देखा है
बीच समुंदर की तह में 
अंगार सुलगते देखा है

हैवानों की दुनिया में
पीरों का मेला देखा है
अनहोनी का होना और
पत्थर का पिघलना देखा है

मुड़-मुड़ के बिछड़ना देखा है 
रुक-रुक के चलना देखा है
पलकों पे थमीं उन बूंदों का
बेबाक़ छलकना देखा है

रह-रह कर आनेवाली उन 
यादों का सताना देखा है
वीराने में बेबस से 
देखा है हमने उनको चुप
कहते थे कभी जो सीना तान 
'हमने तो ज़माना देखा है'


जाँबाज़ = daredevils, बिलखना = weep, तह = sea bed, अंगार = burning coal, सुलगना = smolder/ignite, हैवान = devil,  पीर = saint, बेबाक़ = unabashed/not ashamed, वीराना = ruins, बेबस = helpless

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