पलक, फ़लक, झलक, हलक, छलक, तलककुछ आदत सी हो गयी है तुकबंदी की,
ग़र न मिले
तो इतनी तकलीफ
के काफिया जमा ही नहीं,
ग़ज़ल ग़र्क हो गई I
पर किसने कहा है
हर बार मिलेगा ही
तुक से तुक
सुर से सुर
नाकाम रिश्तों का मेला सा है,
गुज़र जाती है उम्र इस इंतज़ार में,
के जुगलबंदी होगी
तुकबंदी होगी
और तुम, ग़ुलाम कलम के,
एक मिसरे को रोते हो ??
तुकबंदी = rhyme, पलक = eyelids, फ़लक = sky, horizon, झलक = glimpse, हलक = throat, छलक = spill over, तलक = up till, काफिया = rhymes, ग़र्क = to drown, जुगलबंदी = harmony (musical terms), ग़ुलाम = slave, कलम = pen, मिसरा = verse, couplet
hame aapki ye kavita khas taur par pasand aayi .
ReplyDeletethanks :)
ReplyDeleteTukbandi na bhi mile to kya,
ReplyDeletedil ki baat samajha le to kafi hain,
aur kya chaiye?